बांदा डीएम दुर्गाशक्ति नागपाल के किसान हितैषी फैसले से सभी किसान खुश।
जिलाधिकारी श्रीमती दुर्गा शक्ति नागपाल की अध्यक्षता में कलेक्टेªट सभागार में गौशालाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के सम्बन्ध में बैठक सम्पन्न .
बैठक में जिलाधिकारी ने गौशालाओं की आय को बढाने के सम्बन्ध में गौशाला संचालकों, प्रधानों एवं स्वयं सेवी संस्थाओं तथा अधिकारियों से कहा कि गौवंशों को सुव्यवस्थित रूप से संरक्षित करने के साथ आय के साधानों को भी बढाना जरूरी है। उन्होंने गौवंश के गोबर से तैयार किये जाने वाले प्राकृतिक पेन्ट प्रोजेक्ट जिसका संचालन महिला स्वयं सहायता समूह जनपद बंदायू में गौवंश के गोबर में पानी व अन्य पदार्थ मिलाकर पेन्ट तैयार करने का कार्य किया जा रहा है, जिस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 25 लाख है, इस प्रोजेक्ट का प्रजेन्टेशन कराते हुुए जनपद बांदा में भी गौवंश के गोबर से पेन्ट बनाये जाने के लिए जागरूक किया तथा इस कार्य हेतु तीन स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा सहमति प्रदान की गयी। उन्हें आवश्यक सहायता भी प्रदान किये जाने हेेतु आश्वस्त किया। बैठक में गौवंश के गोबर से बर्मी कम्पोस्ट बनाये जाने तथा गोबर के लट्ठे तथा गोबर के दीपक एवं जीवामृत भी बनाये जाने का प्रजेन्टेशन किया गया और स्वयं सहायता समूहों तथा गौशाला संचालकों को इन कार्यों को करने हेतु प्रेरित किया गया। उन्होंने कहा कि गौशालाओं को स्वावलम्बी बनाने हेतु इन कार्यों में आगे बढकर अपनी भागीदारी करें।
जिलाधिकारी ने गौवंशों को हरा चारा उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में प्रत्येक गौशाला तथा खाली पडी गोचर की भूमि में नेपियर घास को लगाये जाने के सम्बन्ध में ब्लाक स्तर पर ग्राम प्रधानों एवं सचिवों की बैठक कर शीघ्र कार्यवाही किये जाने के निर्देेश खण्ड विकास अधिकारियों को दिये। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि चिन्हित 63 समस्त हाॅट स्पाट जहां पर गौवंश एकत्र होते हैं, उन स्थलों का पुनः निरीक्षण करते हुए गौवंशों को वहां से हटाकर गौशाला में संरक्षित किया जाए। उन्होंने गौशालाओं में समस्त आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित रखने के साथ समस्त उप जिलाधिकारियों एवं खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिये कि रेलवे पटरी वाले चिन्हित गाॅवों में जिन चैकीदारों की ड्यूटी लगायी गयी है, उनकी आकस्मिक चेकिंग भी करायी जाए।
बैठक में प्रजेन्टेशन के माध्यम से बताया गया कि गौवंश के गोबर से बर्मी कम्पोस्ट तैयार खाद कृृषि उत्पादन को बढाने में सहायक हैं। इसके साथ ही गौवंश के गोबर युक्त पेन्ट एन्टी फंगल, अन्य केमिकल पेन्ट से सस्ता, एन्टी बैक्टीरियल होता है। इसके साथ ही गौवंश के गोबर से गोबर के लट्ठों को तैयार कर विभिन्न कार्यों में प्रयोग किया जाता है। जीवामृत को तैयार का फसलों में इसका छिडकाव व प्रयोग करने से भी फसल उत्पदान में लाभ होता है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्री वेद प्रकाश मौर्य, जिला विकास अधिकारी, डी सी मनरेगा, समस्त उप जिलाधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारी गण तथा गौशाला संचालत, प्रधान उपस्थित रहे।