मूर्तिकार अरुण योगीराज मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला की तस्वीरें लीक होने की वजह से दुखी हैं. उनकी पत्नी विजेता अरुण का कहना है कि मैं उदास हूं कि प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही रामलला की तस्वीर लीक हो गई है. लेकिन खुशी इस बात की है कि रामलला की मूर्ति को लोगों का प्यार मिल रहा है.
अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. इससे पहले गुरुवार को रामलला की प्रतिमा को गर्भगृह में स्थापित कर दिया गया. इस बीच रामलला की पहली तस्वीर भी सामने आई. लेकिन रामलला की इस प्रतिमा को तैयार करने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज की पत्नी का कहना है कि रामलला की मूर्ति की पूर्ण तस्वीर अभी तक सामने नहीं आई हैं.
अरुण योगीराज की पत्नी विजेता का कहना है कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला की तस्वीरें लीक होने की वजह से वे थोड़े दुखी हैं. लेकिन खुशी इस बात की है कि रामलला की मूर्ति को लोगों का प्यार मिल रहा है. इतने प्यार को पाकर हम बहुत ही सम्मानित महसूस कर रहे हैं. इससे हमारा जीवन धन्य हो गया है.
विजेता का कहना है कि रामलला की मूर्ति की तस्वीर भले ही सामने आ चुकी है. लेकिन मूर्ति की पूर्ण तस्वीर अभी तक सामने नहीं आई है. मैंने खुद भी इसे नहीं देखा है. हालांकि, उन्होंने पूर्ण तस्वीर को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं दी. उन्होंने सिर्फ मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान नेत्र मिलन परंपरा की बात कही.
यह पूछने पर कि यह मूर्ति ब्लैक स्टोन से बनी हुई है. इस पत्थर का चुनाव क्या सोचकर किया गया? इस पर विजेता कहती हैं कि ब्लैक स्टोन से रामलला की मूर्ति को तैयार किया गया है. इस पत्थर की खास बात ये है कि दूध के अभिषेक से इस पत्थर पर किसी तरह का असर नहीं पड़ेगा. किसी भी तरह के एसिड या अन्य पदार्थ से ये पत्थर खराब नहीं होगा और हजारों सालों तक ऐसे ही बना रहेगा.
51 इंच की है रामलला की मूर्ति
बता दें कि इससे पहेल जब रामलला की मूर्ति की तस्वीरें सामने आई थीं, तो वह सफेद कपड़े से ढकी हुई थी. मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा तैयार की गई 51 इंच की रामलला की मूर्ति को गुरुवार को तड़के मंदिर में लाया गया था.
अरुण योगीराज कर्नाटक के रहने वाले हैं.मैसूर के प्रसिद्ध मूर्तिकारों की पांच पीढ़ियों की पारिवारिक पृष्ठभूमि वाले अरुण योगीराज वर्तमान में देश में सबसे अधिक डिमांड वाले मूर्तिकार हैं. अरुण वह मूर्तिकार हैं, जिनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सराहना कर चुके हैं. अरुण के पिता योगीराज भी एक कुशल मूर्तिकार हैं. उनके दादा बसवन्ना शिल्पी को मैसूर के राजा का संरक्षण प्राप्त था.