आगामी आदेश तक जिला जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित।
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छतरपुर – जिले में इस वर्ष औसत से कम वर्षा होने के कारण जल स्त्रोतों में पानी की कमी प्रतीत हुई है। जलाशय एवं हैण्डपंप में पानी का गिरता जल स्तर देख कर यह आवश्यक हो गया है कि, जल स्त्रोतो के जल का उपयोग नियमित किया जाए। कलेक्टर श्री संदीप जी.आर. ने पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा (3) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुये एतद द्वारा जल प्रदाय सुरक्षित रख कर अबाध रखने हेतु छतरपुर जिले को अगली बरसात आने तक अथवा अन्य आदेश तक जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है।
उक्त अधिनियम लागू हो जाने से कोई भी व्यक्ति पेयजल स्त्रोत का उपयोग सिंचाई साधन एवं व्यावसायिक उपयोग में बिना कलेक्टर की अनुमति से नहीं करेगा। जल स्त्रोत हैंडपंप अथवा ट्यूब वैल से 200 मीटर परिधि में अन्य हैंडपंप अथवा ट्यूब वैल का उत्खनन नहीं करेगा एवं किसी भी निस्तारी तालाब के पानी का उपयोग सिंचाई एवं व्यावसायिक कार्य हेतु नहीं होगा। शासकीय विभागों द्वारा खनित नलकूपों को छोड़कर शेष सभी प्रकार के नलकूपों का खनन प्रतिबंधित रहेगा एवं विशेष परिस्थितियों में संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की लिखित अनुमति के पश्चात् ही नलकूप खनन किया जा सकेगा। आदेश का उल्लंघन करने पर वैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत संबंधित पर कार्यवाही की जाएगी। यह आदेश तत्काल प्रभावशील किया गया है।
• जिलेवासियों को पेयजल की नहीं हो समस्या : कलेक्टर
कलेक्टर छतरपुर श्री संदीप जी.आर. ने एनआईसी कक्ष कलेक्ट्रेट में पेयजल से संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। कलेक्टर श्री जी.आर. ने नगरीय निकायों को निर्देशित किया कि शहरों में नल खुले न रहें। उनको कैप लगाकर बंद करने की कार्यवाही की जाए। उन्होंने जल जीवन मिशन एवं पीएचई के अधिकारियों को निर्देशित किया की जिले में पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित रहे। खराब हैंडपंपों के सुधार काम करें। उन्होंने कहा कि जल स्तर को बढ़ाने के लिए अनेक कार्य किए गए हैं, जिनके सार्थक परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने जल स्तर को परखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे जल स्त्रोत जिनमें पर्याप्त पानी है। इनके पास किसी के भी द्वारा खनन न कराया जाए। ऐसा होना प्रतीत हो तो तत्काल कार्यवाही करें। कलेक्टर श्री जी.आर. ने कहा की जिलेवासियों को पेयजल की समस्या न हो।