प्राण प्रतिष्ठा: श्रीराम के गृहप्रवेश के लिए जानकी धाम से आए उपहार, ट्रकों से आए आभूषण, फल, मेवे और अनाज

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश भर में उत्साह है। अलग-अलग प्रांतों से रामभक्त अपने अराध्य के लिए तरह-तरह के उपहार ला रहे हैं। ऐसे में रविवार को मां जानकी की जन्मभूमि पुनौरा धाम सीतामढ़ी बिहार से पांच ट्रकों में भरकर अनेकों उपहार रामनगरी लाए गए हैं।

उपहार लेकर कारसेवकपुरम आए पुनौरा धाम मंदिर के प्रबंधक श्रवण कुमार ने बताया कि ये भेंट प्रभु श्रीराम के गृहप्रवेश के लिए मां जानकी के मायके से भेजी गई है। उन्होंने बताया कि 11051 दौरी में गृहस्थ के लिए उपयोगी सभी वस्तुएं हैं। इसमें तरह-तरह के फल, मेवे, अनाज में गेंहू, चावल , मिठाई में खाजा, लड्डू, आभूषण में कान की बाली, नाक की नथुनी, बिछिया, पायल हैं। साथ ही प्रभु के लिए चांदी के खड़ाऊ और जनेऊ भेजे गए हैं। इसके अलावा तांबा और फूल के बर्तन भी हैं। उन्होंने बताया कि इन उपहारों के लिए मां जानकी धाम के हजारों भक्तों ने सहयोग दिया है।

कम पड़ गई रखने की जगह और उतारने वाले
मां जानकी के धाम से आए उपहार कारसेवकपुरम के जिस कक्ष में रखे जा रहे थे, उसमें जगह कम पड़ गई। ये देख माता के मायके से आए लोग हंसने लगे। वहीं पांच ट्रकों में रखी सामग्री उतारने के लिए भी लोग कम थे। इसपर वहां से आए भक्त ही अपने सिर पर रखकर सामान कक्ष तक पहुंचाने लगे।

भव्य झांकियों के साथ निकली शोभायात्रा, गूंजता रहा जय श्रीराम
रामलला के प्राकट्योत्सव के अवसर पर रविवार को भव्य शोभायात्रा निकाली गई। क्षीरेश्वरनाथ के पास रामजन्मभूमि के प्रवेश द्वार के सामने कलश पूजन हुआ। इसके बाद बैड-बाजे, रथ पर सवार भगवान के स्वरूपों से सजी झांकी निकली तो हर कोई दर्शन को उमड़ पड़ा। शोभायात्रा पर भक्तों ने जगह-जगह पुष्पवर्षा की। शोभायात्रा में साधु-संतों समेत वैदिक छात्र व सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल रहे। रामकोट की परिक्रमा के बाद शोभायात्रा का समापन हुआ।

1949 में पौष मास की तृतीया को भगवान रामलला राम जन्मभूमि में प्रकट हुए थे। तब से श्रीरामजन्मभूमि सेवा समिति लगातार रामलला का प्राकट्योत्सव मनाती चली आ रही है। इसी क्रम में इस वर्ष भी 12 जनवरी को पूजित कलश रामजन्मभूमि के पुजारी को सौंपा गया। रविवार को पूजित कलश वापस लाकर भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में विभिन्न रथों पर भगवान सीताराम, भरत, लक्ष्मण, शत्रुह्न, हनुमान, शंकर व गणेश के स्वरूपों की सजी झांकी भक्तों के आकर्षण का केंद्र रही। हनुमान गढ़ी का निशान भी शोभायात्रा की शोभा बढ़ाता नजर आया। संयोजक अच्युत शंकर शुक्ला ने बताया कि शोभायात्रा में पूर्व सांसद डॉ़ रामविलास दास वेदांती, डॉ़ राघवेश दास वेदांती, महंत जयरामदास, डॉ़ सत्येंद्र दास वेदांती, महंत राघव दास, महंत उद्धव शरण, समिति के संजय शुक्ला, शक्ति सिंह आदि शामिल रहे।

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