बागेश्वर धाम पर कन्या विवाह की शुरुआत क्यों हुई ?

लेखक
संतोष गंगेले कर्मयोगी


छतरपुर-बुंदेलखंड का धार्मिक तीर्थ स्थान पावन पवित्र आध्यात्मिक और तांत्रिक योग में पहचान बनाने रखने वाला बागेश्वर वाला जी स्थान गड़ागंज थाना बमीठा जिला छतरपुर वर्तमान में संपूर्ण राष्ट्र के साथ-साथ विदेशों में अपनी पहचान बना चुका है
इस पावन पवित्र स्थान पर बागेश्वर भगवान शिव शंकर का अद्भुत और आश्चर्यजनक मंदिर जो सैकड़ों वर्ष पुराना है इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि मंदिर के अंदर प्रकाश करने पर कुछ ही समय में प्रकाश लुप्त हो जाता है बुझ जाता है वर्तमान समय में भी इस मंदिर में एक तरह से प्रकाश की व्यवस्था की गई लेकिन वह सपना अधूरा ही रहा क्योंकि परमपिता परमेश्वर बागेश्वर महाराज की अद्भुत लीला और भी कृपा लोगों को आश्चर्यजनक और चकित करने वाली है इसी प्रकार से भगवान श्री राम जी के परम भक्त पवन पुत्र श्री हनुमान जी के बालाजी सरकार के नाम से जाने जाते हैं इस मंदिर पर त्याग तपस्या समर्पण समाधि और समर्पण के साथ-साथ परम शक्ति विराजमान हैं श्री सन्यासी बाबा पंडित श्री भगवानदास गर्ग जो गड़ागंज में पंडित सेतू महाराज के नाम से जाने जाते थे, उन्होंने अपनी अद्भुत शक्ति अपने पुत्र पंडित श्री राम कृपाल गर्ग के पुत्र जिनको बचपन में लोग धीरू के नाम से जानते थे, उनकी उम्र 9 वर्ष के करीब थी अचानक उनके गुरु दादा सन्यासी बाबा ने उन्हें अपना सच बनाना और अपनी शक्तियां प्रदान करने का संकल्प लिया ।
सन्यासी बाबा ने अपना शरीर तो छोड़ दिया लेकिन आत्मा परमात्मा के निकट रखते हुए सारी शक्तियां अपने नाती जो बचपन में धीरू बराज कहलाते थे वर्तमान में बागेश्वर बालाजी पीठाधीश्वर पंडित श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी के नाम से दुनिया में विख्यात प्रसिद्ध हो चुके हैं उनको सारी शक्तियों की जानकारी देकर उन्हें अज्ञातवास करने के लिए कहा ।
ग्राम गड़ा और आसपास के गांव के लोग बताते हैं पंडित श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी ने अपने 11 वर्ष की आयु में श्री सत्यनारायण व्रत कथा और कर्मकांडी ब्राह्मण करने का कर्म शुरू किया था और इसी बीच हुआ है अज्ञातवास को निकल गए 3 वर्षों तक कहां तपस्या की यह आज भी रहस्य छुपा हुआ है । अचानक मथुरा वृंदावन श्रीमद् भागवत कथा के लिए घर से धन संग्रह करके निकले हरपालपुर से वृंदावन जाते वक्त झांसी के बाद उनकी ट्रेन में जेब कट गई । पैसों के साथ टिकट भी चला गया इसी बीच प्रकृति की परीक्षा शुरू हुई रेलवे का टीटी आई द्वारा श्री धीरेंद्र कृष्ण जी महाराज को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले करने की धमकी देने लगा।
कुछ देर बाद जबकि रेलवे टिकट निरीक्षक ने बोला कि बालक तुम्हें पुलिस के हवाले करेंगे अपना नाम पता बताओ उसी समय सन्यासी बाबा की कृपा हुई और महाराज जी ने टिकट निरीक्षक के पूज्य पिताजी पूज्य माताजी और परिवार का नाम बताया तो उन्होंने कहा कि हमने अपना नहीं आप का पूछा है उसी से हमारा ने कहा कि आप पहले अपने परिवार की वंशावली समझ ले किस संकट में आप चल रहे हैं यह जानकारी देता हूं फिर मैं अपना परिचय दूंगा, टिकट निरीक्षक घबरा गया और महाराज के चरणों में गिर गया मान सम्मान के साथ अपने रेलवे में जो डिब्बा होता है वहां ले जाकर उनका स्वागत अभिनंदन किया और 1101 रुपए से उनके पैर छुए। क्या महाराज जी का पहला चमत्कार था। मथुरा वृंदावन से लौटने के बाद उन्होंने अपनी कथा अपने दोस्त शेख मुबारक जो साथ का पढ़ने वाला था वह ग्राम चुरारन चंद्र नगर से 3 किलोमीटर दूर ग्राम का रहने वाला था उसने अपने घर में जाकर माता पिता और गांव के लोगों से चर्चा की गांव में श्री हनुमान जी का मंदिर श्री देवी जी का मंदिर पीपल का पेड़ लगा है पहली कथा शुरू कराई और रसभरी रसीली कथा सुनकर के भक्तगण प्रसन्न हो गए वहां पर लगातार तीन कथाएं हुई इसी बीच महाराज श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी की बहन की शादी का रिश्ता आया घर परिवार वालों ने कोई मदद नहीं की शेख मुबारक ने उनकी बहन की शादी में पूर्ण रूप से परिवार सहित सहयोग किया यहां पर सामाजिक समरसता हिंदू मुस्लिम एकता का संदेश देकर अद्वितीय कार्य किया ।
महाराज की बहन जी की शादी मैं जो परेशानियां और कष्ट देखकर महाराज जी का हृदय बहुत दुखद हो गया और उन्होंने संकल्प लिया कि हम अपनी बहन के पीले हाथ कन्यादान तो कर चुके हैं लेकिन अब हम संकल्प लेते हैं कि हम ऐसी बेटियों का विवाह करेंगे जिनके परिवारों में आरती संकट गरीबी और अनेक परेशानियों से जूझ रहे हैं उसी संकल्प के साथ वर्ष 2019 में सर्वप्रथम 17 बेटियों के कन्यादान करने का संकल्प लिया जिसमें उनके धार्मिक स्थान श्री बागेश्वर बालाजी गड़ागंज पर जो भक्त आते थे सब के सहयोग से चंदा से पहला कार्यक्रम हुआ सामूहिक विवाह जिसमें नौगांव नगर के श्री रामकृष्ण अग्रवाल चेनू नन्ना के नाम से जाने जाते हैं जिनकी समिति निस्वार्थ भागवत समिति नौगांव द्वारा एक बेटी के कन्यादान के लिए सहयोग किया गया । वर्ष 2020 में नौगांव अग्रवाल समाज एवं जन सहयोग से श्री राम लीला मानस मंच पर श्री अरविंद अग्रवाल रामू नौगांव की समाज सेविका कुमारी तृप्ति कठैल एवं उनकी समिति द्वारा पांच बेटियों का सामूहिक कन्या विवाह कराया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पीठाधीश्वर पंडित श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी ने बेटियों को कन्यादान किया आशीर्वाद दिया उस समय महाराज ने संकल्प लिया था कि हर वर्ष शिवरात्रि के दिन सामूहिक विवाह का आयोजन जीवन भर चलता रहेगा ।
बागेश्वर बालाजी पीठाधीश्वर पंडित श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी द्वारा वर्ष 2021 में 51 बेटियों का विवाह वर्ष 2022 में 108 कन्याओं का सामूहिक ध्वज और इस वर्ष 2023 मैं दिनांक 18 फरवरी 2023 महाशिवरात्रि के दिन 121 सामूहिक कन्याओं का आयोजन किया गया है। इस आयोजन से समूचे बुंदेलखंड की उन बेटियों को परमपिता परमेश्वर के परम शिष्य बागेश्वर बालाजी पीठाधीश्वर पंडित श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी द्वारा कन्यादान लिया जाएगा सभी बच्चों के लिए वर वधु को उनके वस्त्र दान दे दिए गए हैं और सामूहिक विवाह की तैयारी बागेश्वर बालाजी भक्तगणों शिष्य मंडलों द्वारा की जा रही है ।
इस बार 12 फरवरी 2023 से 18 फरवरी 2023 तक धार्मिक क्षेत्र पर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम कवि सम्मेलन भजन संध्या एवं दिनांक 15 फरवरी एवं दिनांक 16 फरवरी को दिव्य दरबार भी लगने जा रहा है जिसमें लाखों श्रद्धालुओं भक्तों और बारिशों बालाजी के पागलों की संख्या एकत्रित होने वाली है। वर्तमान में 200 से अधिक शिष्य बागेश्वर बालाजी में राधे सेवा दे रहे हैं विशाल तैयारी की जा रही है वर्ष 2022 से उत्तम तरीके से और अच्छा कार्यक्रम करने के लिए भारत देश के विभिन्न क्षेत्रों के धार्मिक दानदाताओं और शिक्षा मंडल द्वारा तैयारी की जा रही है ।
बागेश्वर बालाजी पीठाधीश्वर पंडित श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी द्वारा लिए गए संकल्प उनका प्रकल्प है की बागेश्वर बालाजी में भारत का अद्वितीय और धार्मिक आध्यात्मिक क्षेत्र में ऐसा पावन पवित्र धार्मिक स्थल संस्कृत विद्यालय जिसमें हजारों बच्चे यहां से एकत्रित होकर संस्कृत के विद्वान बनकर निकले जो सनातन संस्कृति की रक्षा कर सकें तथा भारत के प्रत्येक मठाधीश संत महात्मा महापुरुष प्रवचन कर्ता कथा व्यासपीठ कथावाचक एवं विभिन्न प्रसिद्ध धार्मिक मंदिर एवं पीठाधीश्वरों को ठहरने और बुंदेलखंड की धारा का दर्शन करने का अवसर मिले स्थाई रूप से कथा मंच सांस्कृतिक मंच तथा भक्तों के आने जाने के लिए सभा हाल ठहरने की उत्तम व्यवस्था आने जाने के लिए शुभम सा रास्ता सड़कों का निर्माण पानी प्रकाश सफाई की व्यवस्था तथा प्रत्येक व्यक्ति की औषधि के लिए आयुष चिकित्सालय की स्थापना आवागमन के सुगम रास्ते कानून की व्यवस्था के लिए पुलिस की उत्तम व्यवस्था की जा रही है ।
विशाल धार्मिक कार्यक्रम में पधारने के लिए भारत से आने वाली मीडिया कर्मी पत्रकारों को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विशेष रूप से पंडाल में बैठने की व्यवस्था की प्रबंध किए जा रहे हैं ।
बुंदेलखंड के समाजसेवी राष्ट्रीय आदर्श शिक्षा रत्न उपाधि से सम्मानित संतोष गंगेले कर्मयोगी द्वारा इस विशाल आयोजन में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से सहयोग करने वालों के प्रति हृदय से स्वागत अभिनंदन और आभार व्यक्त किया जा रहा है क्योंकि बुंदेलखंड की पावन पवित्र भूमि के लिए अनेक स्थान हैं लेकिन कलयुग में सबसे बड़ा पावन पवित्र स्थान भगवान मतंगेश्वर खजुराहो से 15 किलोमीटर दूर वर्तमान में जो स्थान बागेश्वर बालाजी गड़ागंज धार्मिक स्थल बन गया है उसकी महिमा अपरंपार है इस स्थान पर वर्ष 2020 से फरवरी 2023 तक लगभग 5 करोड़ से अधिक भक्तों के आने जाने की अनुमानित संख्या की गई है । इस पावन पवित्र स्थान की महिमा की बखान करना सूर्य को दीपक दिखाएं जैसी हो गई है क्योंकि इस स्थान पर मध्य प्रदेश के विभिन्न दूर अंचल के साथ-साथ उत्तर प्रदेश राजस्थान गुजरात बिहार महाराष्ट्र कर्नाटक उत्तराखंड जैसे प्रांतों से भक्तों के पैदा लाने की भी अनेक तस्वीरें सामने आई हैं सैकड़ों तस्वीरें भक्तों के लुढ़क कर लेटते हुए जत्था के जत्था गाना बजाना ढोल मजीरा के साथ पहुंचे जिनका महाराज पीठाधीश्वर द्वारा जगह-जगह स्वागत किया गया उनके भक्तों द्वारा धार्मिक स्थल पर आने वालों को स्वागत सम्मान जलपान भोजन पानी की व्यवस्था कराई जा रही है अद्भुत और आश्चर्यजनक चमत्कार साक्षात बागेश्वर बालाजी के यहां हो रहा है ।
बागेश्वर बालाजी पावन पवित्र स्थान की अनेक घटनाएं मानव जीवन को चरितार्थ करती हैं , भगवान के चरित्र सनातन धर्म की आधार स्तंभ धर्म आस्था और श्रद्धा विश्वास दिलाती हैं इसलिए संक्षिप्त में लेख लिखा गया है
👍👌🌹✍️
संक्षिप्त लेख, लिखा है
संतोष गंगेले कर्मयोगी नौगांव बुंदेलखंड जिला छतरपुर मध्य

संपर्क सूत्र, 9893196874

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *