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मंत्रियों पर संगठन की नजर
मौजूदा कैबिनेट के 6 मंत्रियों पर संगठन की नजर है। इसमें बुंदेलखंड के दो, मालवा-निमाड़ से एक, ग्वालियर संभाग के एक, मध्य भारत से एक और विंध्य से एक मंत्री शामिल हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भोपाल दौरे में साफ किया था कि सबको अपना अपना काम निष्ठा से करना होगा। माना जा रहा है कि उन मंत्रियों के विभाग बदले जा सकते हैं, जिनके पास भारी भरकम विभाग हैं। हालांकि सीएम शिवराज चुनाव के पहले रिस्क नहीं लेना चाहेंगे। ऐसे में मंत्री पद से किसे हटाया जाएगा, यह फैसला केंद्रीय नेतृत्व लेगा।
9 मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक
शिवराज कैबिनेट में 30 फीसदी मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक हैं। सिंधिया समर्थक विधायकों में 6 मंत्री को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला हुआ है और तीन राज्यमंत्री हैं। माना जा रहा है कि सिंधिया समर्थक मंत्रियों पर भी गाज गिर सकती है। अभी ये साफ नहीं हुआ है कि किन मंत्रियों को हटाया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो सिंधिया खेमे के जजपाल सिंह जज्जी और मनोज चौधरी को कैबिनेट में जगह मिल सकती है।
बढ़ सकता विंध्य का कोटा
वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा अब स्थानीय और जातिगत समीकरण भी साधने की तैयारी में भी है। विंध्य क्षेत्र में 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया था। 2023 में यहां फिर से उसी तरह के प्रदर्शन को दोहराने के लिए बीजेपी यहां से मंत्रियों की संख्या बढ़ा सकती है।