Harda Blast: श्मशान जैसा मंजर, चारों तरफ कराहते मिले जख्मी ब्लास्ट में पिलर तक उड़े और सड़क पर आ गिरे

मध्य प्रदेश के हरदा की पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट के बाद सड़क पर बाइक और कारों से आवागमन कर रहे राहगीर भी शिकार हो गए. रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी टीमों को सड़क पर क्षतिग्रस्त वाहन और बिखरी हुई लाशें मिलीं. इसके अलावा तमाम जख्मी लोग कराहते हुए मिले. घायलों को आनन फानन में अस्पताल रेफर किया गया.   

विस्फोट इतना भीषण था कि पूरा इलाका जलकर खाक हो गया है. जिला प्रशासन के अनुसार, ब्लास्ट में अब तक 8 लोगों की मौत हो गई, जबकि 74 लोग झुलस गए हैं. इनमें 11 को रेफर कर दिया है. बाकी 63 लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे हुए हैं और आग पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें अलग-अलग जिलों से हरदा पहुंच रही हैं.

हरदा में नर्मदापुरम सहित आसपास के क्षेत्र से 14 डॉक्टर तत्काल रवाना किए गए हैं. हरदा में 20 एम्बुलेंस मौजूद हैं और 50  और पहुंच गई हैं. भोपाल, इंदौर बैतूल, नर्मदापुरम, भेरूंदा, रेहटी सहित अन्य नगरीय निकायों और संस्थाओं से फायर ब्रिगेड हरदा भेजे जा रहे हैं. 

विस्फोट की भयावहता ने आसपास के घरों को थर्रा दिया. वहीं, फैक्ट्री की इमारत तो पूरी तरह से धराशाई हो गई. 

इस घटना ने एक बार रिहायशी इलाकों में पटाखा फैक्ट्री स्थापित होने पर सवाल खड़े हो गए हैं. अभी भी वहां चिंताजनक स्थिति बनी हुई है. बता दें कि हरदा के बैरागढ़ इलाके में आसपास के घरों को भी बहुत नुकसान पहुंचा है.

इस इलाके में छतों पर अवैध तरीकों से पटाखे बनाए जाते हैं. इसके अलावा बताया जा रहा है कि हादसे के समय 50-60 लोग मौजूद थे. अभी भी ऐसी आशंका है कि लोग वहां फंसे हुए हैं.

पटाखा फैक्ट्री से भीषण विस्फोट से खबर लिखे जाने तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 74 लोग झुलस गए हैं. यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है. 

मौके पर पहुंचे दमकलकर्मियों की कोशिश है कि किसी भी तरह के आग पर काबू पाया जाए. आग की लपटों पर काबू पाने में देरी इसलिए हो रही है क्योंकि वहां पटाखे रखे हुए हैं, जिसकी वजह से आग लगातार भड़क रही है. 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया है कि इन घायलों के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी. अभी छह लोगों की मौत की जानकारी है. गंभीर रूप से घायल लोगों को इलाज के लिए भोपाल, इंदौर में भर्ती कराया गया है. मृतकों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. इसके अलावा उनके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का खर्च भी सरकार उठाएगी.

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